जीवाश्मिकी वह विज्ञान है, जो आदिम पौधें तथा जंतुओं के अश्मीभूत अवशेषों द्वारा प्रकट भूतकालीन भूगर्भिक युगों के जीवनकी व्याख्या करता है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि जीवाश्म विज्ञान आदिकालीन जीवजंतुओं का, उने अश्मीभूत अवशेषों के आधार पर अध्ययन करता है।
विज्ञान की वह शाखा है जिसमें काष्ठीय पौधों (वृक्ष, क्षुप और लिआना) का अध्ययन करा जाता है। पादप वर्गीकरण और ऐसे कई जीववैज्ञानिक कुल हैं जिनकी कुछ सदस्य जातियाँ काष्ठीय (यानि लकड़ी वाली) हैं
परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। प्रोटॉन धनात्मक रूप से आवेशित होते हैं, जबकि न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं, और ऋणात्मक रूप से आवेशित इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर आकर्षित होते हैं।
जब हम दो वस्तुओं को परस्पर रगड़ते हैं तो एक वस्तु जितना आवेश प्राप्त करती है, दूसरी वस्तु उतना आवेश खोती है। बहुत सी आवेशित वस्तुओं के किसी वियुक्त निकाय के भीतर, वस्तुओं में अन्योन्य क्रिया के कारण, आवेश पुनः वितरित हो सकते हैं
गुरुत्वाकर्षण त्वरण का मान भूमध्य रेखा पर सबसे कम और ध्रुवो पर सबसे अधिक होने के कारण पिण्ड का भार जो कि द्रव्यमान औऱ गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है भूमध्य रेखा पर न्यूनतम और ध्रुवों पर सर्वाधिक हो जाता है।
गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजैक न्यूटन द्वारा की गयी जो आश्चर्यजनक रूप से सही था। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में अलबर्ट आइंस्टाइन द्वारा सापेक्षता सिद्धांत से बदला गया।