Welcome to Pariksha Teyari
+91 8477946080 parikshateyari@gmail.com
भारत के तिरंगे झंडे को संविधान सभा ने 22 जुलाई, 1947 को स्वीकार किया था, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय ध्वज पर तदर्थ समिति के अध्यक्ष थे। इस झंडे को पिंगली वेंकया ने डिजाईन किया था।
“मैं राजतंत्र के अवशेष अपने साथ ले जा रहा हूँ”| ये शब्द फ़्रांस की क्रांति के पश्चात अपनी मृत्यु के अवसर पर मिराबो ने कहे थे|
“यदि परमात्मा विधमान नहीं है तो उसका अविष्कार करना पड़ेगा”| यह कथन रोब्सपीयर ने कहा था|
पेरिस की संधि के पश्चात अमेरिका, “संयुक्त राज्य अमेरिका” के रूप में स्थापित हुआ था|
अमेरिका स्वतंत्रता की घोषणा हेतु गठित समिति में जॉर्ज वाशिंग्टन तथा अब्राहम लिंकन सम्मिलित नही थे|
वाणिज्यवाद के प्रसार के अभाव में स्पेन ने अमेरिका में जो बस्ती बसायी, उसका नाम फ्लोरिडा था|
जॉर्ज तृतीय के समय लॉर्ड ग्रेनविल ब्रिटिश प्रधानमंत्री था, जिसमें आय-व्यय में संतुलन हेतु अमेरिका में करारोपण की नीति अपनाई थी|
1917 की रुसी क्रांति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्वयुद्ध में रूस की पराजय था|
सेडोवा का युद्ध ‘सात सप्ताह का युद्ध’ कहलाता है|
द्वितीय बाल्कन युद्ध 1913 में हुआ था|
© 2025 Pariksha Teyari. Designed & Developed by DigiWebCreW